Mineral Engineering Kya Hai? एक विशेष शाखा है जो खनिजों के उत्खनन, प्रक्रिया और प्रबंधन से जुड़ी होती है। इसमें खनिजों की पहचान, उनका शोधन, और उन्हें उद्योगों में उपयोगी बनाने के तरीकों का अध्ययन किया जाता है। यदि आपको Mineral and Science में रुचि है, तो यह क्षेत्र आपके लिए बेहतरीन हो सकता है।
इस फील्ड में एडमिशन की प्रक्रिया, Career के अवसर, Jobs के प्रकार और वेतन से संबंधित जानकारी के लिए, यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा।
प्रदूषित वातावरण में आज हर कोई अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक होता जा रहा है। अपने और अपने परिवार के लिए स्वच्छ भोजन और पानी सुनिश्चित करने के लिए आज सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाती हैं। कोरोना के बाद भी सभी लोग अपनी सेहत का काफी ख्याल रखने लगे हैं। जिसे आमतौर पर RO Water Purifier के नाम से जाना जाता है। RO का उपयोग घर, ऑफिस, होटल जैसे निजी और सार्वजनिक स्थानों पर किया जा रहा है।
RO का मतलब Reserve Osmosis पर अनुसंधान और विकास है। सरकार भी ध्यान दे रही है। इस विषय का शोध एक Mineral Engineering को करना होता है। एक Mineral Engineering का संबंध केवल पानी की शुद्धता से संबंधित अनुसंधान से ही नहीं होता। उनका काम खनन और समुद्री उत्पादों पर अनुसंधान के क्षेत्र में भी विशिष्ट है।सरकार भी ध्यान दे रही है।
इस विषय का शोध एक Mineral Engineering को करना होता है। एक Mineral Engineering का संबंध केवल पानी की शुद्धता से संबंधित अनुसंधान से ही नहीं होता। उनका काम खनन और समुद्री उत्पादों पर अनुसंधान के क्षेत्र में भी विशिष्ट है।
Mineral Engineering क्या है?
Mineral Engineering मूलतः Mine Engineering की एक शाखा है। Mineral Engineering Syllabus भी अधिकतर ईंधन एवं खनिज इंजीनियरिंग विभाग में चलाए जाते हैं। हालाँकि, खनिज इंजीनियरिंग में Diploma से लेकर Degree तक के पाठ्यक्रम भी स्वतंत्र रूप से संचालित किए जा रहे हैं और इस क्षेत्र में Doctorate की उपाधि भी प्रदान की जा सकती है।
इस पाठ्यक्रम क्षेत्र में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिभाशाली, सक्षम और कुशल छात्रों को सरकार द्वारा Scholarships and Fellowships भी प्रदान की जाती है।
Mineral Engineering में करियर कैसे बनाएं?
अगर आप Mineral Engineering Me Career बनाना चाहते हैं तो किसी अच्छे शैक्षणिक संस्थान से मिनरल इंजीनियरिंग में चार साल का B.Tech Course पूरा करना फायदेमंद होता है। फिर GATE Exam में वैध स्कोर के साथ मिनरल इंजीनियरिंग में दो साल का M.Tech Course पूरा करने से करियर के मामले में काफी ऊंचाई मिल सकती है। हालाँकि, Master's Degree हासिल करने से पहले क्षेत्र में दो-तीन साल का अनुभव लेना बुद्धिमानी है।
खनिज अभियांत्रिकी में प्रवेश प्रक्रिया (Admission Process in Mineral Engineering):
10वीं कक्षा के बाद Mineral Engineering में Diploma Courses में प्रवेश मिल सकता है। जिन उम्मीदवारों ने भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के साथ HSC Science पूरा किया है, वे Mineral Engineering में B.Tech Courses में प्रवेश ले सकते हैं।
कुछ प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में B.Tech Courses में प्रवेश JEE and GUJCET परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद रैंकिंग के आधार पर होता है। कुछ इंजीनियरिंग शिक्षा संस्थानों में प्रवेश योग्यता के आधार पर भी किया जा सकता है।
मिनरल इंजीनियरिंग में M.Tech की पढ़ाई देश के विभिन्न Engineering Universities के साथ-साथ प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में भी की जा सकती है।
Mineral Engineering के लिए शैक्षणिक संस्थान:
- Indian Institute of Dhanbad
- Birla Institute of Technology
- School of Minerals and Materials
- Department of Technology(IMMT), Bhubaneswar
- MGM Engineering College, Jodhpur
Birla Engineering Institute और Indian Institute of Technology जैसे संस्थान Bachelor of Technology in Mineral Engineering में पांच साल का दोहरा डिग्री पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। इसके अलावा, Mineral Engineering and M.Tech, Materials Technology, Master of Philosophy in Mineral Engineering and Bio-mineral Processing जैसे विभिन्न पाठ्यक्रमों में भी छात्रों का करियर उज्ज्वल किया जा सकता है.
Mineral Engineering में रोजगार के अवसर
B.Tech or M.Tech in Mineral Engineering के लिए पेट्रोलियम कंपनियों में अनुसंधान और विकास विभाग में हमेशा रिक्तियां रहती हैं।
मिनरल इंजीनियरिंग में बीटेक या एमटेक करने के बाद RO Plant Companies, वॉटर सप्लायर कंपनियों, तेल या गैस कंपनियों में नौकरी पाना आसान है। यहां तक कि बुनियादी ढांचे या अपतटीय ड्रिलवेल से संबंधित काम करने वाली कंपनी में भी नोकरी मिल सकती है।
Careers for Mineral Engineers की अपार संभावनाएं हैं। भारत के जल एवं संरक्षण विभाग में एक अधिकारी या अनुसंधान वैज्ञानिक के रूप में नौकरी की तलाश कर सकते हैं। प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र भी कैंपस सेलेक्शन में चयनित होकर अच्छे वेतन पैकेज पर नौकरी पा सकते हैं।
खनिज अभियांत्रिकी में वेतनमान (Pay Scales in Mineral Engineering):
Mineral Science में कोई भी कोर्स पास करने के बाद शुरुआती दौर में Seven lakh रुपये से लेकर दस लाख रुपये सालाना तक सैलरी मिल सकती है। आने वाले सालों में यह सैलरी काफी बढ़ सकती है।
यदि आपको सरकारी नौकरी मिलती है, तो वेतनमान एक शोधकर्ता या वैज्ञानिक के मानदंडों के अनुसार होता है। यह मानते हुए कि वेतन अन्य Government Benefits सहित न्यूनतम पांच लाख प्रति वर्ष से शुरू होता है।
एक Mineral Engineer चाहे तो इस क्षेत्र से संबंधित अपनी इकाई या संयंत्र भी स्थापित कर सकता है। कोई भी व्यक्ति किसी कंपनी से अपने प्रोजेक्ट की Franchisees प्राप्त करके अपनी इकाई शुरू कर सकता है। जो Mineral Engineer अपनी स्वतंत्र इकाई या व्यवसाय स्थापित करना चाहता है उसे भी आसानी से ऋण मिल सकता है।